Home Folk कालो नाग – गजेंद्र अजमेरा

कालो नाग – गजेंद्र अजमेरा

अनेक भजनो और लोकगीतो में से हम लाए हैं आपके लिए एक और सुरीला भजन “कालो नाग” जिसे गाया हैं राजस्थान के प्रसिद्ध कलाकार गजेंद्र अजमेरा, रंजीत जजरा, तूलचाराम, महावीर नागोरी ने अपनी मीठी और प्यारी आवाज़ में, इस तेजाजी भजन में उनके धाम पर भक्तो द्वारा काले सर्प का बार बार उनके छाजे, भाले, पींदे उपर खेलने को प्रदर्शित करते हुए बताया गया हैं| तो नये एल्बम नागजी में काले नाग के अलग-अलग खेल खिलाव के मनोरजन भरे गीत को तेजाजी की नयी महिमा के साथ देखिए|

Advertisement

खरनाल्या में काले सर्प का छाजे उपर सरर सरर चलना और गुलेठा मारती नागजी को तेजाजी के मंदिर में अलग अलग स्थानो पर महिमा के रूप में सुहावने अंदाज़ में दिखाया गया हैं| भक्तो की भीड़ का इस द्रश्य को देखकर मंदिर में जगमग ज्योतो की जगमगाहट दिखाई पड़ती हैं|
Also Watch: Naag Lapeta Leve Rajasthani Folk Song Rani Rangili

Kalo Naag Song Lyrics

तेजाजी छाजा उपर बैठयो कालो नाग
यो कोई बैठयो रे बासक नाग
थाने नमन करे वो नागणी
तेजाजी सरर सरर चाले नाग
कोई चाले कालो नाग
गुलेठा मारे नागणी

तेजाजी पींदा माथे बैठयो कालो नाग
यो कोई बैठयो रे बासक नाग
ढक्क्ना में बैठी नागणी
तेजाजी सरर सरर चाले नाग
कोई चाले कालो नाग
गुलेठा मारे नागणी

तेजाजी भाला उपर खेले कालो नाग
कोई खेले कालो ही नाग
थाने स्थान माथे बैठी नागणी
तेजाजी सरर सरर चाले नाग
कोई चाले कालो नाग
गुलेठा मारे नागणी

Advertisement

तेजाजी अजमेरो तो गावे चरणा माही
थारे गावे चरणा माही
ध्यावे ढोल्या थारी देवली
तेजाजी सरर सरर चाले नाग
कोई चाले कालो नाग
गुलेठा मारे नागणी

तेजाजी तूलचाराम अजमेरा गावे चरणा माही
थारे अजमेरो रे चरणा माही
साजन जी के ळोतार नीनाती
तेजाजी सरर सरर चाले नाग
कोई चाले कालो नाग
गुलेठा मारे नागणी
Source: YT

There are some errors in the lyrics by the chance, so you can intimate us if you find any error in the lyrical part.

Song: Kalo Naag
Singer: Gajendra Ajmera, Ranjeet Jajra, Tulcharam, Mahaveer Nagori
Album: Naagji
Lyrics: Gajendra Ajmera, Ranjeet Jajra
Music Label: PRG Music and Films Studio

देवी देवता के स्थानो पर होने वाले ऐसे ही चोका देने वाले द्रश्य को देखने के लिए Marwadisong.in से जुड़े रहे, गजेंद्र अजमेरा और रंजीत जजरा के बोल तेजाजी के स्वरूप में चाँद की चाँदनी फैलाकर उनके रूप रंग को और भी शोभायमान करती हैं|

Advertisement