नीलू रंगीली की आवाज नया राजस्थानी बन्ना-बन्नी भंवरजी परदेश बसे पी.आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं। मंगल सिंह ने गाने के प्यारे से बोल लिखे हैं व गीत का निर्देशन सज्जन सिंह गहलोत ने किया हैं।
गौरी को परदेश गये भंवर की याद सता रही हैं और रात को गौरी के सपने भंवर जी घर पधार रहे हैं। परदेश से लौट रहे भंवर जी अपनी घरनार के लिए पाली वाला पीला ला रहे हैं। छत पर खड़ी होकर घरनार अपने भंवर जी का इंतजार कर रही हैं और पेड़ पर बैठे काले काग को उड़ा रही हैं।
Bhawarji Pardesh Base Song Lyrics
भंवरजी परदेश बसे मैंने डोडी हिचकी चाले हो
रात आया सपना में वे घरे पधारे हो
ओ मिलवा आवसी जियो मिलवा आवसी
मैंने घरवाले री याद सतावे हो मिलवा आवसी
भंवर जी आवे तो कागा कवला जु तो तू उड़जा रे
सोना में कागा मैं थारी चोंच मंडाउ रे
पिव ने आवा दो पिव जी आवे तो
मैंने घणा दिना सु ओलु आवे रे पिव जी आवे तो
डागलिये पे ऊबी गौरी पिव री बाटा जोवे रे
अरे माही बैठी डोगरी गुलगुलिया काढ़े हो
आवो मिलवा ने जियो आवो मिलवा ने
फागण को महीनो एलो जावे रे
पाली वालो पिलो थारे दाय पड़े तो ल्याजो रे
आवेली ई ग्यारस को थे आया रिजो रे
महीनो फागणियो हो महीनो फागणियो
थारी गौरी ऊबी बाटा जोवे रे
अन्य राजस्थानी गाने :
विकसित राष्ट्र की हो कल्पना |
स्वच्छता को होगा अपनाना ||