Home Folk धारा 350 | Balli Mohanwadi | Lyrics

धारा 350 | Balli Mohanwadi | Lyrics

सज्जन सिंह गहलोत द्वारा निर्देशित राजस्थानी रोमांटिक गीत धारा 350 पी.आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत किया गया हैं । लेटेस्ट सांग 2018 में आवाज बल्ली मोहनवाड़ी ने दी हैं। सॉन्ग का म्यूजिक कुंदन सिंह और बबलू शेखावत ने कंपोज किया हैं व गीत के बोल बबलू शेखावत ने तैयार किये हैं।

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गौरी के गाल गुलाब आँख नशीली आशिको के नशा चढ़ा रही हैं और उसके रूप रंग को देखकर आशिको के तन मन में आग लग रही हैं। छम छम करके गौरी नागिन सी चाल चल रही हैं और नाही वो किसी से शर्माती व नाही घवराती हैं। अब बस सारे में उसी चर्चा चल रही हैं और बूढ़े से लेकर बच्चे तक सब उसके दीवाने हो गये हैं।

Dhara 350 Song Lyrics

गाल गुलाब आँख नशीली नशा चढावेगी
अरे लगजा 308 छोरी तू जेल करावेगी

छम छम करती चाले छोरी नागण जिया लागे ये
तेरो रूप यो देखके छोरी तन में आग लागे ये
ना शर्मावे ना घबरावे सूली चढावेगी
अरे लगजा 308 छोरी तू जेल करावेगी

सारे गांव में चर्चा हो रहिया नाम तेरो ही चाले ये
के जादू तू करयो बावली धक धक दिलड़ो हाल ये
आँख मिलावे चैन चुरावे रोग लगावेगी
अरे लगजा 308बनसा आ गई आखातीज छोरी तू जेल करावेगी

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गाल गुलाब आँख नशीली नशा चढावेगी
अरे लगजा 308 छोरी तू जेल करावेगी

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