Home Folk घणो कोड़ म्हारे बीरोसा रो | Sukhdev Ramsnehi | Lyrics

घणो कोड़ म्हारे बीरोसा रो | Sukhdev Ramsnehi | Lyrics

सुखदेव रामनेही की आवाज में घणो कोड़ म्हारे बीरोसा रो सॉन्ग एक राजस्थानी लोकगीत हैं। इस गीत का म्यूजिक मेवाड़ी ब्रदर्स ने कंपोज किया। मारवाड़ी एल्बम का सॉन्ग एस. डी.आर म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं।

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गौरी अपने घर आँगन भाई के आने का इंतजार कर रही हैं और बार बार बाहर जाकर देख रही हैं। गौरी अपने बीरोसा की बाट निहारती हुई उसे याद कर रही हैं। भाई के आने खबर सुन गौरी बड़ी ही खुश हो रही हैं और उसके घर में सखिया मंगल गीत गा रही है। बीरा अपनी लाडली बहन रखड़ी घडवा कर ला रहा है और उसकी सूरत देखकर बहन बड़ी उत्साहित हो रही हैं।

Ghano Kod Mhare Beerosa Ro Song Lyrics

म्हारे घर आजे बीरा ऊबी बाटा जोऊ रे
घणो कोड म्हारा बीरोसा रो कागला उड़ाऊ रे
ओ बीरो सा ऊँची रे ने चढूनू नीची उतरी
बीरोसा जोऊ रे म्हारा जामन जाया
बाट रे म्हारी माँ का जाया
किने रे अवसर बेगा आवजो

आज बंदड रो हिवड़ो हर्षे बीरो सा घर आया रे
बीरा सारी शोभा देखी सखिया मंगल गाया रे
ओ बीरो सा रखड़ी घड वाइजो घरका दाम का
बीरोसा जोऊ रे म्हारा जामन जाया
बाट रे म्हारी माँ का जाया
किने रे अवसर बेगा आवजो

बरस बरस म्हारा गुजरया बादल बरसो नी सवाया रे
सूरत देखो बीरो सा री आंगनिया में आया रे
बीरोसा हीरा जड़योड़ी चुनार ल्याव जो
बीरोसा सतरंग चूंदड़ म्हारे ल्याव जो
बीरोसा जोऊ रे म्हारा जामन जाया
बाट रे म्हारी माँ का जाया
किने रे अवसर बेगा आवजो

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