फूलचंद और हरीश की आवाज में इन्दर बरसो सॉन्ग एक राजस्थानी लोकगीत हैं। इस गीत का म्यूजिक नरेंद्र सिंह चौहान ने कंपोज किया व निर्देशक सज्जन सिंह गहलोत हैं। मारवाड़ी एल्बम का सॉन्ग पी.आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं। एल्बम गीत के लेखक फूलचंद हैं।
किसान अपने संग के साथियो के साथ इंद्र राजा से बारिस बरसाने की प्रार्थना कर रहा हैं और तब वो अपने खेतो में मेहनत करके हरा भरा कर पायेगा। जेठ का महीना पर आने पर किसान का मन ख़ुशी झूम रहा हैं और औरते घर घर में मंगला चार गा रही हैं। इंद्र राजा की कृपा से गांव -गांव के सभी सरवर नीर से भरपूर हो गए हैं और वन में मोर पपिया अपनी मीठी आवाज से शोर मचा रहे हैं।
Inder Barso Song Lyrics
इंदर बरसो नि बरसो मुसलादार खेता में बावा बाज़रो
जेट रो महीनो आयो जाटा रे मंन भायो
खेती बाड़ी री करा तैयारी घर-घर मंगल छायो
भरदो-भरदो नी सरवरिया वाली पाल खेता में बावा बाज़रो
आषाढ में आशा लगी चिंता घनी सतावे
मीठा मोर पपैया बोले मीठा मंगल गावे
सुघन देव सुघन छिड़ी आज खेता में बावा बाज़रो
सावन रो महीनो आयो पवन शोर मचावे
काली-पीली बिरखा ओ माता झीर-मीर मेवा बरसे
धरती सजी सोलह-शृंगार खेता में बावा बाज़रो
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