Home Folk केसरियो हजारी गुल रो फूल | Twinkal Vaishnav | Lyrics

केसरियो हजारी गुल रो फूल | Twinkal Vaishnav | Lyrics

ट्विंकल वैष्णव की मधुर आवाज में नया राजस्थानी लोकगीत केसरियो हजारी गुल रो फूल पी. आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की तरफ से शानदार प्रस्तुत हैं। सज्जन सिंह गहलोत ने गीत का निर्देशन किया हैं और गीत के निर्माता मुकेश सुराणा हैं। रवि फुलेरा और समीर चौहान ने गीत का म्यूजिक कम्पोज किया हैं।

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बनड़ी को उनके केसरिया बन्ना प्यारे लगते हैं और बन्नी के हिय में उनकी छवि बसी हुई हैं। बन्ना यदि मेघ हैं तो बनड़ी आसमान की बिजली हैं और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। एक पल भी दुधेली बन्नी अपने बन्ना के बिना नहीं रह सकती हैं।

Kesariyo Hajari Gul Ro Phool song Lyrics

म्हारो केसरियो हजारी गुल रो फूल
हजारी गुल रो फूल या बनड़ी बालम काकड़ी

बनड़ो कर रहयो कोई बीण जेवा पार
हाथा में लिनी ताकड़ी
म्हारो केसरियो हजारी गुल रो फूल
हजारी गुल रो फूल या बनड़ी बालम काकड़ी

म्हारो केसरियो हैं भाद्रवे रो मेष
या बनड़ी आम्बा बिजली
म्हारो केसरियो हजारी गुल रो फूल
हजारी गुल रो फूल या बनड़ी बालम काकड़ी

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म्हारो केसरियो हैं अँगूरारी लूम
कोई अँगूरारी लूम या बनड़ी मीठी मौसमी
म्हारो केसरियो हजारी गुल रो फूल
हजारी गुल रो फूल या बनड़ी बालम काकड़ी

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स्वच्छ हो देश हमारा ||

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