लिखमाराम अमरपुरा, जीत भाटी और रतन प्रजापत की आवाज में मामो बेस परदेश सॉन्ग राजस्थानी फागुन गीत हैं। इस गीत का म्यूजिक मेवाड़ी ब्रदर्स ने कंपोज किया व निर्देशक सज्जन सिंह गहलोत हैं। मारवाड़ी एल्बम का सॉन्ग पी. आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं। एल्बम गीत के लेखक लिखमाराम अमरपुरा हैं।
भानु का मामा परदेश में बसा हुआ हैं और फागुन महीना आने पर मामी की उसकी याद सता रही हैं। मामी भानु से कहकर अपने पिया से पीला मंगवा रही हैं और मामी को फागण में पीला ओढ़ने का बड़ा ही शौक हैं। मामा अपनी गौरी के लिए जोधाणा से जुतिया लेकर आ रहा है और मामी उन्हें पहकर घर आँगन में घूम रही हैं।
Mamo Base Pardesh Song Lyrics
भानु थारो मामो बसे परदेश म्हारे
फागणिया महीना में आ तो रहीजे
नन्दल रा जाया थारी ओळ्यू घणी आवे रे
अरे भानु थारा मामा सु पिलो मंगवाई दे रे
फागण में पीला की मन आवे नन्दल रा जाया
पिलो मंगवाई दे रे
मामी म्हारो मामो बसे पाली शहर माही
अरे प्रभाते में पिलो मंगवाई दू
फागण में पिलो ओढ़ लीजो
भानु थारा मामा सु मोझड़ी मंगवाई दे रे
अरे खेता में जाऊ तो कांटा भागे नंदल रा जाया
जुत्ती म्हाने ल्याई दे रे
ऐ मामी जोधाणा वाली जुत्ती जफर जोर की ये
अरे मामो सा से जुत्ती मंगवाई दू
पहरे तो लागे फूटरी ये
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