21 सितंबर 2017 से नवरात्रि का आगमन हो रहा है और कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह का ही है। इसलिए मां दुर्गा की स्थापना और पूजा में जिन चीजों की आवश्यकता होती हैं उन्हें एकत्रित करना पड़ता हैं। आपको बता दे इन चीजों के बिना मां दुर्गा की अराधना अधूरी मानी गयी है।
इस बार नवरात्रि 21 सितंबर से शुरू होकर 29 सितम्बर तक चलेगी। 21 सितम्बर दिन बृहस्पतिवार से शारदीय नवरात्रि 2017 का शुभारंभ हो रहा है। नवरात्रि में नौ दिनों तक सभी देवियों की पूजा की जाती हैं। इस त्यौहार में चाहे सुहागन हो या कन्या नौ दिनों का व्रत रखती है। यह त्यौहार पूरे भारत में बड़े ही हर्षो उल्लास से मनाया जाता है। इस पूजा में मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना की जाती है।
पावन पर्व नवरात्रो में माँ दुर्गा के नवरूपों की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं। नवरात्र के आरंभ में प्रतिपदा तिथि को उत्तम मुहर्त में कलश या घट की स्थापना की जाती है। कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है जिनके बिना सब काम अधूरे माने गए हैं इसलिए सर्वप्रथम घट रूप में गणेश जी को बैठाया जाता है।
पूजा सामग्री की सूची:-
अखंड ज्योत के लिए:- पीतल या मिट्टी का दीया, रूई की बत्ती, रोली या सिंदूर, चावल
हवन के लिए:- हवन कुंड, लौंग का जोड़ा, कपूर, सुपारी, गुग्ल, लोबान, घी, पांच मेवा, चावल
मिट्टी का पात्र और जौ
शुद्ध साफ की हुई मिट्टी
शुद्ध जल से भरा हुआ मिट्टी, सोना, चांदी, तांबा या पीतल का कलश
मोली (लाल सूत्र)
अशोक या आम के पत्ते
कलश को ढकने के लिए मिट्टी का ढक्कन
साबुत चावल
एक पानी वाला नारियल
पूजा में काम आने वाली सुपारी
कलश में रखने के लिए सिक्के
लाल रंग का कपड़ा या चुनरी
मिष्ठान
लाल गुलाब के फूलो की माला
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कलश स्थापना का शुभ महूर्त:-
द्रिक पंचांग के अनुसार – इस बार नवरात्री का शुभ मुहूर्त सुबह 6:18 बजे से 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस समयकाल के बीच में आप कभी भी कलश स्थापन के साथ पूजा कर सकते हैं।
नवरात्रि कलश स्थापना की विधि:-
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल का शुद्धिकरण किया जाना चाहिए। उसके बाद लाल रंग का कपडा एक लकड़ी के पाटे पर बिछाकर उस पर थोड़े चावल रख देने चाहिए। फिर जिस कलश को स्थापित किया जा रहा हैं उसमे मिट्टी और पानी का मिश्रण डालकर उसमे जौ बो देना चाहिए। फिर कलश पर रोली से स्वास्तिक और ॐ बनाकर कलश के मुख पर मोली से रक्षा सूत्र बांध दे। कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रख दे और फिर कलश के मुख को ढक्कन से ढक दे। चावल से ढक्कन को भर दे। एक नारियल ले जिस पर लाल रंग की चुनरी (मैया की) से लपेटकर रक्षा सूत्र से बांध दे । नारियल को कलश के ढक्कन पर रखे दे और दीपक जलाकर कलश की पूजा शुरू करे। अंत में कलश पर फूल और मिष्ठान चढ़ा दे। अब हर रोज नवरात्रों में इस कलश की पूजा करे।