सोहन सिंह की आवाज में शिव शंकर त्रिलोकी को नाथ सॉन्ग शिव जी का राजस्थानी भजन हैं। इस गीत के बोल बीरबल सिंह ने लिखे हैं व गाने निर्माता गोपाल सैनी हैं। बाबूलाल सैनी द्वारा निर्देशित गीत अल्फ़ा म्यूज़िक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं।
भगवान शिव शंकर तीनो लोको के राजा इसलिए त्रिलोकी का नाथ कहा जाता हैं। जिनके माथे पर चन्द्रमा शोभायमान है, नीले कण्ठ वाले, अभीष्ट वस्तुओं को देने वाले हैं। तीन नेत्रों वाले यह शिव, काल के भी काल महाकाल हैं। कमल के समान सुन्दर नयनों वाले अक्षमाला और त्रिशूल धारण करने वाले अक्षर-पुरुष हैं। यदि किसी पर दया कर दें तो त्रिलोक का स्वामी भी बना सकते हैं, भगवान शिव भयावह भव सागर पार कराने वाले हैं।
Shiv Shankar Triloki Ko Nath Song Lyrics
ओ रे म्हारो शिव शंकर बम भोळो भोळो त्रिलोकी को नाथ
ओ त्रिलोकी को नाथ शंकर त्रिलोकी को नाथ
ओ रे म्हारो शिव शंकर बम भोळो भोळो त्रिलोकी को नाथ
ओ रे शिव भोला का गंग जटा में मस्त कवू पर चाँद
मस्त कवू पर चाँद बिराजे मस्त कवू पर चाँद
ओ रे म्हारो शिव शंकर बम भोळोभोळो त्रिलोकी को नाथ
ओ रे म्हारो शिव भोलो भंडारी रहवे रे पार्वती की साथ
पार्वती की साथ माता पार्वती की साथ
ओ रे म्हारो शिव शंकर बम भोळोभोळो त्रिलोकी को नाथ
ओ रे म्हारो शिव त्रिपुराई भांग में मस्त रहे दिन रात
मस्त रहे दिन रात भोळो मस्त रहे दिन रात
ओ रे म्हारो शिव शंकर बम भोळोभोळो त्रिलोकी को नाथ
अन्य राजस्थानी गाने :
विकसित राष्ट्र की हो कल्पना |
स्वच्छता को होगा अपनाना ||