विनोद सैनी और राजन शर्मा की आवाज में थारी पल पल याद सतावे सॉन्ग एक राजस्थानी लोक गीत हैं। इस गीत का निर्देशन बाबूलाल सैनी ने किया हैं व गीत के निर्माता गोपाल सैनी हैं। मारवाड़ी एल्बम का सॉन्ग अल्फ़ा म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं।
परदेश गये हुये बलम को अपनी गौरी की याद सता रही हैं और उसकी में याद पल पल सता रही हैं। वही गौरी भी अपने पिया के आने का इंतजार कर रही हैं और दोनों एक दूसरे के बिना रहे नहीं पा रहे हैं। गौरी छत पर बैठी हुई काग उड़ाती रहती हैं और पिया का मुखड़ा देखने पे लिए उसकी आँख तरस रही हैं। पिया जल्द ही छुट्टी लेकर अपनी गौरी के पास जा रहा हैं और ख़ुशी से गौरी झूम रही हैं।
Thari Pal Pal Yaad Satave Song Lyrics
मैं तो गौरी परदेसा में थारी याद सतावे रे
ओलुडी थारी घणी आवती
बलम म्हारा परदेसी याद थारी आवे रे
सजन म्हारा परदेसी थारी आवे रे
नैण म्हारा बरसे रे देखण ने तरसे रे
आधी आधी राता जागू गौरी म्हारी ये
सोता ही सुपना थारा आवता
ऐ दिल म्हारो धड़के रे मिलण ने तड़पे रे
काळजो धड़के रे मिलण ने तड़पे रे
ऐ हिचकी आवे रे याद सतावे रे
थोड़ा दिना री बात गौरी बेगो छुट्टी आउ ये
पाछे तो दोनू सागे रहवसा
के सुगन मनाऊ रे के काग उडाऊ रे
के सुगन मनाऊ रे के काग उडाऊ रे
के झूर झूर रोउ रे बाट थारी जोऊ रे
छुट्टी लेकर परदेसा से विनोद सैनी आयो ये
परणी ने हिवड़े लगावतो
के राजन गावे रे ऐ खुशिया मनावे रे
सज्जन घर आयो रे गले से लगायो रे
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