‘कबूतर’ सुपरहिट हरयाणवी गाने में प्रांजल दहिया मुख्य भूमिका में दिखाई देंगी, वही गीतकार हैं राकेश मजरेया | रेणुका पंवार और सुरेंद्र रोमिओ की आवाज में कबूतर सॉन्ग हरियाणवी लोकगीत हैं।
इस गीत का म्यूजिक अमन जाजी ने कंपोज किया हैं। हरयाणवी एल्बम का सॉन्ग देसी रिकार्ड्स कंपनी की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं।
Kabootar Song Lyrics
मने देख के हाँसे देख के खासे
बलम मेरा वो जेठा
उड्या उड्या यो कबूतर मेरे ढूँगे पे बैठ्या
(उड्या यो कबूतर मेरे ढूँगे पे बैठ्या) x2
(माहरा ऊता का से गाम बावली
ज्यादा ना गिरकाइये रे) x2
(उड़ जाइये रे कबूतर उड़ जाइये रे) x3
(पहर के लाल सूट हाय चढ़गी चौबारे म
हो कुवें ऊपर पाणी लेण जाऊँ ना दोबारे मैं) x2
काली चोटी भी ढूँगे गेल्या खागी रे लपेटा
उड्या उड्या यो कबूतर मेरे ढूँगे पे बैठ्या
(उड्या यो कबूतर मेरे ढूँगे पे बैठ्या) x2
(रे काम तो करणा पडे तने
क्यों घणे चिलत्तर छाँटे से
तेरे बालम ते सुण ले
आधे गाम के फ़िल्टर पाटे से) x2
पाणी तो ल्याणा पडे तने
चाहे औछा मटका ल्याइये रे
(उड़ जाइये रे कबूतर उड़ जाइये रे) x3
(हाय मेरी जेठाणी बलमा लेरी से मौज हो
मेरा इतणा भारी घाघरा मर री सूं बोझ हो) x2
मेरी मटकणी या चाल पूरा भर देगी रे पता
उड्या उड्या यो कबूतर मेरे ढूँगे पे बैठ्या
(उड्या यो कबूतर मेरे ढूँगे पे बैठ्या) x2
(राकेश माजरिया ते सुण ले
तने काल जान मिलवा दयुन्गा
रे ख़ास यार से अपणा
तेरे ऊपर गीत लिखा दयुन्गा) x2
तेरी 6 किलो की ल्याऊं पाजेब
तू पेर दड़ादड ठाइये रे
(उड़ जाइये रे कबूतर उड़ जाइये रे) x3
भारत सरकार का इरादा |
सम्पूर्ण स्वच्छता का वादा ||