Home Folk म्हारो सिणगार | Twinkal Vaishnav,Sameer Chouhan | Lyrics

म्हारो सिणगार | Twinkal Vaishnav,Sameer Chouhan | Lyrics

ट्विंकल वैष्णव और समीर चौहान की आवाज में नया राजस्थानी विवाह गीत म्हारो सिणगार पी.आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की नयी प्रस्तुति हैं। गीत का शानदार म्यूजिक सुंगन बुचेती व समीर चौहान ने कम्पोज किया हैं। विकास राजपुरोहित ने गीत के बोल लिखे। सज्जन सिंह गहलोत द्वारा निर्देशित गीत के निर्माता मुकेश सुराणा हैं।

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सोलह शृंगार करके घूँघट में गौरी नाच रही हैं और गौरी के आँखों का काजल कमाल का हैं। उसकी चम चम ओढ़नी लहरिया चमक रही हैं और उसकी कोयल जैसी बोली मीठी लग बनसा को मीठी लग रही हैं।गौरी पूरा सिणगार अपने बनासा के लिए कर रही हैं।

Mharo Singaar Song Lyrics

घूँघट माही गौरी नाचे कर सोलह श्रृंगार हो
कळजे लागे गौरी रो रूप हो
ऐ म्हारो सिणगार बनासा थारे लिए
ऐ म्हारो सिणगार भंवर सा थारे लिए

गौरी थारी आंख्या रो काजल कमाल ये
आंख्या से घायल करती गौरीडी
ओ म्हारी आंख्या कजरारी आंख्या सुरमेधारी
म्हारी आंख्या काजल लू सब हैं थारे लिए
ओ म्हारी आंख्या कजरारी आंख्या सुरमेधारी

चम चम चमके ओढ़नी लहरियो हिलोला खावे हो
पचरंगीचुनरी रा सेवरा
लहरियो लहरावे साहिब ने बुलावे रे
झीणो झीणो घुंघटियो बनसा थारे लिए
लहरियो लहरावे साहिब ने बुलावे रे

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कोयल जैसी बोली थारी मीठा लागे बोल हो
बोले तो गहरो जागे काळजो
बलू तो थारी यादा में बनासा गाउ गीत

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