विजय सिंह और सुभाष राव की आवाज में जोधाणा रा बाईसा सॉन्ग एक राजस्थानी लोकगीत हैं। इस गीत का म्यूजिक मुकेश चौधरी ने कंपोज किया व निर्देशक सज्जन सिंह गहलोत हैं। मारवाड़ी एल्बम का सॉन्ग पी.आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं। एल्बम गीत के लेखक भवानी राजपुरोहित और विक्रम सिंह देचू हैं।
जोधाना वाली बाईसा की मीठी मीठी बोली बन्ना सा को प्यारी लगती हैं और हरपल उसके सपनो में खोया रहता हैं। बाईसा की नटखट बाते बन्ना सा को हरदम याद रहती हैं और भी बाईसा के सामने बोलता वो उसे अपनी जुत्ती दिखाती हैं। बाईसा की चाल एकदम शेरनी की तरह हैं और उसकी धाक से अच्छे अच्छो के पसीने छुड़ जाते हैं।
Jodhana Ra Baisa Song Lyrics
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
करते हे याद बन्ना बाईसा को सुबह शाम रे
बाईसा री नटखट बाते हे बन्ना सा याद करते हे
बाईसा री हर स्माइल पे बन्ना सा रोज मरते हे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
बाईसा की सामे बोले ज़ुत्ती ये दिखावे हे
बाई सागरी में रहेते हे बाईसा तो इनको कहेते हे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
बाईसा की चाल जैसे शेरनी की धाक रे
रंग रूप बाईसा रो देख चाँद भी शर्मा जावे
बाईसा के आगे बननागिरी भी चाँद ज्यूँ शर्मावे हे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
जोधाणे री सिटी में हे बाईसा रो राज रे
बाईसा हे सब सू न्यारा बाईसा गिरी में रहेवे हे
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