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चौधराईन | Durga Jasraj | Lyrics

चौधराईन, जो एक लेटेस्ट राजस्थानी सॉन्ग हैं, किशोर सुमन फिल्म्स की नयी पेशकश हैं। राजस्थानी एल्बम गीत के लेखक लखन चौधरी और निर्देशक राजेश गोयल हैं। इस गाने में आवाज दुर्गा जसराज ने दी हैं। जबकि गाने का म्यूजिक मेवाड़ी ब्रदर्स ने कंपोज किया।

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माथे पर रखड़ी गले में हार और सोलह शृंगार करे हुये गौरी रूप वाली लग रही हैं। उसके ठाट बड़े ही निराले हैं सबके साथ हिल मिलकर रहना और बड़ो का सम्मान करना अपना कर्तव्य समझती हैं। हर काम में आगे चाहे वो घर का खेत में करने की बारी हो। सब सहेलियों के पनघट पर जाना और माथे पर पानी लेकर लाना। उसकी मीठी मीठी बोली सबको बड़ी ही प्यारी लगती हैं।

Choudhrain Song Lyrics

अरे माथा में रखड़ी गले रे माही आड
देखो जी देखो चौधराईन रा ठाट
लागे चोखी घनी या हे डीलर

अरे खेता में जावे माथे भाता रो भार
देखो जी देखो चौधराईन रा ठाट
लागे फूटरी घनी या हे डीलर धनी

अरे गाड़ी में बैठे संग सहेलिया रो साथ
देखो जी देखो चौधराईन रा ठाट
लागे चोखी घनी या हे जीव री जड़ी
लागे फूटरी घनी या हे डीलर धनी

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अरे सगला सू मिलकर रहवे नही इनमे आँत
देखो जी देखो चौधराईन रा ठाट
लागे चोखी घनी या हे डीलर धनी
लागे फूटरी घनी या या हे जीव री जड़ी

अरे माथा में रखड़ी गले रे माही आड
देखो जी देखो चौधराईन रा ठाट
लागे चोखी घनी या हे डीलर

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