सज्जन सिंह गहलोत द्वारा निर्देशित मारवाड़ी सॉन्ग धोरे माथे झोपड़ी पी. आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की ओर से प्रस्तुत किया गया हैं। गीत में आवाज महेंद्र पंचारिया ने दी हैं। सॉन्ग का म्यूजिक मुकेश चौधरी ने कंपोज किया हैं व गीत के बोल अशोक दाधीच ने तैयार किये हैं। इस गीत के निर्माता मुकेश सुराणा हैं।
झोपड़ी पर बैठा हुआ मोर बड़ा ही मीठा मीठा बोल रहा हैं और उसकी प्यारी आवाज लोगो के मन भा रही हैं। फागुन महीना आने पर गौरी का मन पिया के बगैर नहीं लग रहा हैं। गोरे गोरे गाल वाली सजनी पिया को बड़ी ही सुन्दर लग रही हैं और पिया अपने मन बात सजनी से कहे रहा हैं। रात ठंडी चांदनी को गौरी अपने पिया से मिल रही हैं और छमक छमक गौरी की पायल आवाज कर रही हैं।
Dhore mathe Jhupadi Song Lyrics
अरे धोरा माथे झुपड़ी हो मोरुड़ा मीठा बोले रे
अरे फागण रा महीना में म्हारो मनड़ो डोले रे
के ल्यावो लेवण दे जीयो जीयो रे ल्यावो लेवण दे
नखराली मन की बाता कहवा दे
अरे गोरा गोरा गाल गुलाबी घणा फुटरा लागे रे
अरे छमक छमक ने गौरी थारी पायल बाजे रे
के ल्यावो लेवण दे जीयो जीयो रे ल्यावो लेवण दे
नखराली मन की बाता कहवा दे
अरे रात चांदनी ठंडी ठंडी छत पे मिलवा आजा ये
अरे तू हैं म्हारे दिल की रानी मैं हूँ राजा ये
के ल्यावो लेवण दे जीयो जीयो रे ल्यावो लेवण दे
नखराली मन की बाता कहवा दे
अरे काली काली अंखिया थारी निजरा तेज कटार रे
अरे सोवणी काजलिया री तीखी धार रे
के ल्यावो लेवण दे जीयो जीयो रे ल्यावो लेवण दे
नखराली मन की बाता कहवा दे
अरे झीना झीना घुंघटीया में गौरी जद मुस्कावे रे
अरे फागण रा महीना में धीरज धरियो जावे रे
के ल्यावो लेवण दे जीयो जीयो रे ल्यावो लेवण दे
नखराली मन की बाता कहवा दे
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