दीपिका राव, रमेश माली और कुलदीप ओझा की मधुर आवाज में नया राजस्थानी बन्ना – बन्नी गीत बन्नी जोवे बाटड़ली पी.आर.जी म्यूजिक एंड फिल्म्स की नयी प्रस्तुत हैं। सज्जन सिंह गहलोत ने गीत का निर्देशन किया हैं और गीत के निर्माता मुकेश सुराणा हैं।काली और समीर चौहान ने गीत का म्यूजिक कम्पोज किया हैं। रमेश माली ने गीत के बोल लिखे हैं।
बन्नी अपने परदेश गए हुए बन्ना का इन्तजार कर रही हैं और बन्नी को उसकी याद आ रही हैं। परदेश में नौकरी होने के कारण बन्ना अपनी बन्नी से मिल नहीं पा रहा हैं और छुट्टी मिलन पर अपनी बन्नी से मिलने जरूर आएगा। फागुन की मस्तानी रुत ऐसे ही निकली जा रही हैं और बन्नी के सोलह श्रृंगार बनासा के बिना अधूरे हैं।
Banni Jove Batdli Song Lyrics
घर आवो जी नखराला बन्ना आप बन्नी जोवे बाट घणी
किकर भूल्या बनसा जाये ने परदेश आवे थारी याद घणी
परदेशा री नौकरी बन्नी किकर केहू बात
छुट्टी मिलन दे मिलवा आउ ढलती मांझल रात
घर आवो जी नखराला बन्ना आप बन्नी जोवे बाट घणी
चार दिना रो जीवणो जी जोबन झोला खाये
परदेशा री नौकरी म्हारो मनड़ो डूब्यो जाये
घर आवो जी नखराला बन्ना आप बन्नी जोवे बाट घणी
सावन में सावनियो गौरी लहरियो लहराये
फागण रुत हैं मस्तानी आउ ढलती रात
घर आवो जी नखराला बन्ना आप बन्नी जोवे बाट घणी
सज सोलह श्रृंगार बन्ना मैं ऊबी जोऊ बाट
बेगा पधारो मिलवा नहीं तो मरू कटारी खार
घर आवो जी नखराला बन्ना आप बन्नी जोवे बाट घणी
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