दीपिका राव और अनिल जोशी ने नये राजस्थानी लोकगीत प्रितड़ली री डोर में अपनी अहम भूमिका निभाई हैं। गीत में आवाज़ मयंक और शिखा ने दी हैं। गाने की म्यूज़िक कंपोजिंग ज्योति वासुदेव सिंह ने की हैं।
फाग़न के महीने में एक सजनी अपने साजन के बिना नही रहे सकती हैं। वह उसे फाग़न के पूरे महीने में अपने नैनो के समक्ष देखना चाहती हैं। उसकी याद में उसके बिना कई-कई दिन अकेलेपन में निकाल देती हैं और उसके सपने देख देखकर अपने अकेलेपन को करती हैं। लेकिन फाग़न के महीने में अपने साजन के जाने पर सजनी फाग़न के महीना का भरपूर आनंद लेती हैं।
Pritadli Ri Door Song Lyrics
म्हारी प्रीतलड़ी री डोर आयो फागणियो चित चोर
नेडा रेवजो नेडा नेडा रेवजो x 2
ओ म्हारी नखराली गणगौर आयो फागणियो चित चोर
नेडा रेवस्या नेडा नेडा रेवस्या x 2
था बिन एक पल चैन न आवे मनडो बैठ्यो जावे हैं
फागणिया रा गीत गावा ऐसी मन में आवे हैं x 2
नेडा रेवजो नेडा नेडा रेवजो x 2
फागणिया में फाग रंगादया रंग गुलाबी ल्याद्या जी
था संग गोरी होली खेला मैं दुनिया बिसरादया जी x 2
नेडा रेवस्या नेडा नेडा रेवस्या x 2
पल पल देखा सुपनो थारो थे तो ऊपर पाला जी
तनड़ो के हैं मनडो के हैं जीवन ही रंगडाल्या जी x 2
नेडा रेवजो नेडा नेडा रेवजो x 2
मैं रामु हां थे हो चनणा मैं डोला थे मारु जी
मनडे की के बात करो हो था पर जीवन वारु जी x 2
नेडा रेवस्या नेडा नेडा रेवस्या x 2
मीठी बोले कोयली जी बोले दादर मोर जी
था संग म्हाने चोखो लागे फागणियो चित चोर जी x 2
नेडा रेवजो नेडा नेडा रेवजो x 2
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